भोपाल. पन्ना टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं होने के मामले में विपक्ष ने सोमवार को विधानसभा में सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया। करीब 50 मिनट तक चली बहस में कांग्रेस विधायक सरकार के उत्तर से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सदन में ही प्रदर्शन शुरू कर दिया तथा सरकार के रवैये के खिलाफ वाकआउट किया। विपक्षी सदस्य गले में बाघ के चित्र वाले पोस्टर ‘मुझे बचाओ’ लटकाए देखे गए।
यह मामला ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए कांग्रेस विधायक दल के उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, विधायक डॉ. गोविंद सिंह और अजय सिंह ने उठाया। श्री चतुर्वेदी का कहना था कि वन्य जीव विशेषज्ञों ने वर्ष 2006 में पन्ना उद्यान में बाघों की संख्या 12 से 8 रहना बताया था, लेकिन विभाग ने तब स्पष्टीकरण दिया कि संख्या 24 है। वन्य जीव विशेषज्ञ रघु चूणावत ने 2008 में उजागर किया कि पन्ना में सिर्फ एक बाघ बचा है। इसकी पुष्टि रणजीत सिंह, बिट्टू सहगल और विलिंडा राइट ने भी की।
वर्तमान में पन्ना में एक भी बाघ नहीं बचा है। पांच साल के दौरान वन बिहार भोपाल में 15 बाघों की मौत हो चुकी है, अन्य जगह 2006 में पांच, 2007 में दो, 2008 में आठ और 2009 में छह बाघों की मौत हो चुकी है। मप्र का टाइगर स्टेट का गौरव खतरे में आ चुका है, केंद्र ने टाइगर स्ट्राइक फोर्स और संसाधन के लिए 10 करोड़ रुपए दिए हैं, लेकिन प्रदेश सरकार गंभीर नहीं है। जैसे ही वन राज्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने लिखित जवाब पढ़ना शुरू किया, श्री चतुर्वेदी ने आपत्ति जताना शुरू कर दिया।
उनका कहना था कि ध्यानाकर्षण प्रदेश की स्थिति के बारे में है, लेकिन मंत्री पूरे देश का जिक्र कर रहे हैं, क्या यह संसद है? श्री चतुर्वेदी ने बाघों की संख्या घटने के मामले में लापरवाह अफसरों को बर्खास्त करने की मांग की। कांग्रेस के ही प्रभुराम चौधरी ने कहा कि राजस्थान में मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक को निलंबित किया गया है, मप्र में भी किया जाए। मंत्री ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने विशेष जांच दल बनाया था, उसकी रिपोर्ट 7 जुलाई को आ गई है। मप्र में विशेषज्ञ टीम की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस के ही डॉ. गोविंद सिंह ने संरक्षित वन क्षेत्रों से तीन किलोमीटर दूर तक खदानों में विस्फोट पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया। मंत्री ने कहा कि इस पर अमल होता है। दस करोड़ रुपए केंद्र से मिले हैं, 56 रैंजों में चौकियां बन रही हैं। नेशनल पार्क की सीमाओं के भीतर वाले 821 में से 87 गांव विस्थापित कर दिए गए हैं। अन्य 116 गांवों के विस्थापन के लिए केंद्र सरकार से 3300 करोड़ रुपए मांगे गए हैं। कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने कहा कि पन्ना पार्क में बाघों की संख्या उसी वक्त कम हुई जब वहां 16 महीने तक डकैत ठोकिया पनाह लिए हुए था, कोई वन अधिकारी वहां नहीं गया।
उन्होंने जानना चाहा कि विभाग में कोई डिग्रीधारी डॉक्टर है और क्या प्रदेश में वाइल्ड लाइफ बोर्ड का गठन हुआ है? मंत्री ने कहा कि डिग्रीधारी डॉक्टर उपलब्ध हैं, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वाइल्ड लाइफ बोर्ड बना हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र से प्रोजेक्ट टाइगर में इस साल 60 करोड़ रुपए मिले हैं। विधायक सुखदेव पांसे के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि रातापानी अभयारण्य में करीब 6 या सात बाघ हैं। श्री पांसे ने कहा कि मंत्री ने पहले यह संख्या पांच ही बताई थी। नेता प्रतिपक्ष जमुनादेवी ने कहा कि मंत्री का जवाब असंतोषजनक है, क्या केंद्रीय मंत्री ने मप्र को टाइगर स्टेट खत्म करने के मामले में भी राज्य सरकार की तारीफ कर दी है? आखिर आप अधिकारियों को बचा रहे हैं या शेरों को?
नेता प्रतिपक्ष बोल ही रही थीं कि कांग्रेस विधायक अपने-अपने स्थानों पर खड़े हो गए, वे गले में शेर के फोटो वाले पोस्टर टांगे हुए नजर आने लगे, जिन पर लिखा था, मुझे बताओ। अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कहा, यह व्यवहार आपत्तिजनक है, इसे सदन की कार्यवाही से विलोपित किया जाए। कांग्रेस विधायक सदन से उठकर चले गए। कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा और रामनिवास रावत सदन में ही मौजूद रहे। श्री कालूखेड़ा ने अध्यक्ष से मांग की टाइगर मुद्दे पर अलग से चर्चा करा ली जाए। श्री रोहाणी ने कहा, आप अपने दल का व्यवहार देखें। संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि श्री कालूखेड़ा अपने दल की तरफ से खेद व्यक्त करें। इसके बाद श्री कालूखेड़ा और श्री रावत भी सदन से बाहर चले गए।
http://www.bhaskar.com/2009/07/14/0907140237_tiger_missing_in_madhya_pradesh.html
Another newspaper Hindustan Times reports that Govt admits that no tiger left in Panaa http://epaper.hindustantimes.com/ArticleImage.aspx?article=14_07_2009_007_012&mode=1
These are the two news today. First one in hindi is from Dainik Bhaskar News Paper from Bhopal. In question hour congress party in opposition raised the issue about Panna Tigers. In this debate leader of opposition asked the government Whether you are saving the tigers or officers? Another news is coming from Sanjay National Park that it is on its way to follow Panna?
Future of wildlife and wildlife tourism looks bleak here.
Tuesday, July 14, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment